Indicators on shiv chalisa lyricsl You Should Know
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जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्राचीन हनुमान मंदिर में पूजा किया
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥ जय जय जय अनन्त अविनाशी ।
अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है। त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक shiv chalisa in hindi शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और Shiv chaisa व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब shiv chalisa in hindi नाम कहाई॥
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥ किया उपद्रव तारक भारी ।
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥